जनसंख्या प्रवास क्या है? प्रवास के प्रकार | What is population migration? types of migration
जनसंख्या प्रवास अनेक कारणों से हो सकता है, जैसे नौकरी, शिक्षा, विवाह और परिवार के साथ समय बिताने के लिए।

जनसंख्या प्रवास का सामान्य अर्थ:
- जनसंख्या प्रवास एक ऐसी स्थिति होती है जब लोग अपने मूल निवास स्थान से दूसरे क्षेत्रों में जाते हैं।
- यह एक सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक फ़ेनोमेना होती है जो अनेक समाजों में देखी जा सकती है।
- जनसंख्या प्रवास अनेक कारणों से हो सकता है, जैसे नौकरी, शिक्षा, विवाह और परिवार के साथ समय बिताने के लिए।
- इसके अलावा, अक्सर कुछ श्रेणियों के लोग अपने निवास स्थान से अन्य स्थानों में जाने के लिए मजबूर होते हैं, जैसे नागरिकता के मामले में, आतंकवाद या अन्य संकटों से बचने के लिए या अपने जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए।
- जनसंख्या प्रवास आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक और व्यवसायिक दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण है।
- इससे लोगों के बीच सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक विविधता के संचार को बढ़ावा मिलता है।
- इसके अलावा, यह विभिन्न क्षेत्रों के लोगों के बीच विशेषज्ञता और अनुभवों का संचार भी संभव बनाता है।
प्रवास के प्रकार:
|
जनसंख्या प्रवास के प्रकार |
A. क्षेत्र के आधार पर प्रवास के प्रकार-
1. अन्तर्महाव्दीपीय प्रवास-
- एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप पर होने वाले जनसंख्या के प्रवास को अन्तर्महाव्दीपीय प्रवास कहते है।
- मानव के उद्गम स्थान या जन्म स्थान से यूरोप, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका महाद्वीप में जो प्रवास हुआ उसे इसी प्रवास के अंतर्गत रखा जा सकता है।
- आज के समय में यह प्रवास हवाई जहाज एवं पानी जहाज से हो रहा है।
- यूरोप से उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया की ओर लगभग 17वीं शताब्दी से 19वीं शताब्दी के प्रारंभिक काल में बड़ी संख्या में अन्तर्महाव्दीपीय प्रवास हुए।
- यदि कोई अंटार्कटिका में जाकर बस जाता है तो वह भी अन्तर्महाव्दीपीय प्रवास होगा।
|
अन्तर्महाव्दीपीय प्रवास |
2. अंतर्राष्ट्रीय प्रवास-
- एक देश से दूसरे देश में होने वाले जनसंख्या के प्रवास को अंतर्राष्ट्रीय प्रवास कहते है।
- जनसंख्या के इस तरह का प्रवास किसी देश के जनसंख्या वृद्धि, वितरण एवं घनत्व को काफी प्रभावित करती है।
- अंतर्राष्ट्रीय प्रवास से किसी भी देश के जनसंख्या में अचानक वृद्धि हो सकती है या जनसंख्या कम भी हो सकती है।
- अंतर्राष्ट्रीय प्रवास में जनांकिकीय एवं राजनैतिक तत्व प्रमुख होते है।
- 19वीं शताब्दी में आयरलैंड, इटली एवं दक्षिण पूर्वी यूरोप में प्रवास को प्रवृत्ति बढ़ी।
- इस प्रकार के प्रवास में राजनैतिक कारण ज्यादा प्रभावी होते है, जैसे 1940 के बाद बुल्गारिया और रोमानिया के मध्य वृहद पैमाने पर जनसंख्या का प्रवास हुआ।
- 1947 में भारत और पाकिस्तान के बीच प्रवास हुआ।
- अंतर्राष्ट्रीय प्रवास अन्य कारणो में, शिक्षा, व्यवसाय, पर्यटन, संगठनात्मक या सांस्कृतिक कारणों से हो सकते है।
- यह लोगों को अपने संबंधों को बढ़ाने और नए व्यवसाय अवसरों को ढूंढने में मदद करता है।
- जैसा की मानचित्र में भारत से जापान और जापान से भारत के मध्य जनसंख्या का प्रवास हो वह अंतर्राष्ट्रीय प्रवास कहलाएगा।
|
अंतर्राष्ट्रीय प्रवास |
3. अन्तर्राज्यीय प्रवास-
- इस आंतरिक प्रवास भी कहा जाता है।
- इसमें एक ही देश के अंदर एक राज्य या प्रांत से दूसरे राज्य या प्रांत में जनसंख्या का स्थानांतरण होता है।
- भारत के बिहार, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल से दिल्ली, असम, महाराष्ट्र में लोगों का बसाव हुआ, जो इसी प्रकार का प्रवास है।
- इसी तरह पंजाब से बाहर निकलकर देश के अन्य राज्यों में बस गए, वह भी इसी तरह का प्रवास कहा जाता है।
- उदाहरण के लिए मानचित्र के द्वारा प्रदर्शित किया गया है कि छत्तीसगढ़ से गुजरात तथा गुजरात से कई लोग छत्तीसगढ़ में बस जाते है।
|
अन्तर्राज्यीय प्रवास |
4. स्थानीय प्रवास-
- इस तरह के प्रवास में दूरियां अधिक नहीं होती है।
- जैसे मुंबई से पुणे में जनसंख्या का प्रवास स्थानीय प्रवास कहा जा सकता है।
|
स्थानीय प्रवास |
- सामान्यतः प्रवास चार प्रकार का होता है-
- 1. गांव से नगर की ओर,
- 2. नगर से नगर की ओर,
- 3. गांव से गांव की ओर,
- 4. नगर से गांव को ओर।
भारत: जनसंख्या प्रवास की प्रवृत्तियां-1981
प्रवास की प्रवृत्ति |
पुरुष जनसंख्या(%) |
महिला जनसंख्या(%) |
गांव से गांव की ओर |
52.4 |
76.9 |
नगर से नगर की ओर |
13.9 |
6.7 |
गांव से नगर की ओर |
26.5 |
11.0 |
नगर से गांव की ओर |
7.2 |
5.4 |
B. समय के आधार पर प्रवास के प्रकार-
1. दैनिक प्रवास-
- इस प्रकार का प्रवास ज्यादातर महानगरों जैसे दिल्ली, मुंबई से गांवों की ओर होता है।
- यहां ग्रामीण क्षेत्र के लोग सुबह महानगरों की ओर आते है और शाम को वापस गांव चले जाते है।
- जब प्रवासी एक सप्ताह बाद गांव आता है तो उसे साप्ताहिक प्रवास कहते है।
- दैनिक प्रवास अधिक दूरी तक नहीं किया जा सकता है।
2. मौसमी प्रवास-
- इस प्रकार का प्रवास थोड़ी सी अवधि या किसी एक मौसम के लिए होता है।
- पहाड़ी क्षेत्रों में गर्मी के मौसम में ऊंचे ढालों पर घास की तलास में अपने पशुओं के साथ चले जाते है, शीत ऋतु में ठण्ड से बचने के लिए पर्वतों से नीचे उतर आते है।
- भारत के संदर्भ यदि कहा जाए तो चीनी मीलों में काम करने वाले मौसमी प्रवास करते है।
- स्टेप्स प्रदेशों में खिरगीज निवासी मौसमी प्रवास करते है।
- चलवासी पशुचरण क्षेत्रों में घुमक्कड़ जनसंख्या इसी प्रकार मौसमी प्रवास करते है।
3. दीर्घकालिक प्रवास-
- कई बार कुछ ऐसे प्रवासी होते है जो अपने मूल निवास स्थान से दूर लंबे समय के लिए चले जाते है और बाद में काफी समय होने के बाद घर वापस आते है।
- इस तरह के प्रवास का मुख्य उद्देश्य अपने परिवार को आर्थिक दृष्टि से मजबूत करना है।
- स्पेन, पुर्तगाल, फ्रांस और अंग्रेजों ने दीर्घकालिक प्रवास किए है।
C. दूरी के आधार पर प्रवास-
1. लघु दूरी प्रवास-
- इस प्रकार का प्रवास गांव से नगर की ओर होता है, जिसमे प्रवासी शाम तक अपने स्थायी निवास तक वापस आ जाता है।
- भारत देश में एक लाख से अधिक जनसंख्या वाले नगर है जिसके नजदीक 10 से 15 किलो मीटर के क्षेत्र में व्यक्ति लघु प्रवास करता है।
- इस प्रकार के प्रवास का प्रमुख कारण उनका रोजगार और गांव में बनी वस्तुओं को बेचने के लिए नगरों का रुख किया जाता है।
- इन वस्तुओं में विशेषरूप से दूध, फल, फूल, अंडे, मिट्टी के बने बर्तन या अन्य सामग्री आदि है।
- भारत में तो घर बनाने वाले मिस्त्री, मजदूर गांव से शहर की ओर जाते है या प्रवास करते है।
2. लम्बी दूरी के प्रवास-
- जब जनसंख्या का प्रवास एक राज्य से दूसरे राज्य, एक देश से दूसरे देश तथा एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप में होता है तो उसे लम्बी दूरी का प्रवास कहा जाता है।
- इस प्रकार का प्रवास सामान्यतः स्थायी होता है।
- इसमें प्रवासियों के वापस आने की संभावना बहुत कम होती है।
D. उद्देश्य या कारण के आधार पर प्रवास-
1. रोजगार के लिए-
- लोग अक्सर अपने घर से दूर रोजगार के लिए जाते हैं।
- यह एक बड़ा कारण है जो लोगों को अन्य शहरों या देशों में जाने के लिए प्रेरित करता है।
2. शिक्षा के लिए-
- लोग शिक्षा के लिए अक्सर अपने घर से दूर जाते हैं।
- यह एक और मुख्य कारण है जो लोगों को दूसरे शहरों या देशों में जाने के लिए प्रेरित करता है।
3. विदेश यात्रा-
- लोग अक्सर यात्रा का आनंद लेने के लिए विदेश जाते हैं।
- विदेश यात्रा अक्सर अपने देश के बाहर के स्थानों को देखने और विभिन्न संस्कृतियों के साथ अंतर्राष्ट्रीय अनुभव के लिए भी की जाती है।
4. धर्म यात्रा-
- धर्म यात्रा एक और मुख्य कारण है जो लोगों को अन्य शहरों या देशों में जाने के लिए प्रेरित करता है।
- धर्म यात्रा अक्सर अपने धर्म से जुड़े महत्वपूर्ण स्थानों को देखने और उन्हें याद करने के लिए किया जाता है।
E. अन्य प्रवास-
1. आदिम प्रवास-
- इस तरह का जनसंख्या प्रवास मानव को आदिकालीन संस्कृति से संबंधित होता है।
- प्राचीनकाल में मानव अपने को पर्यावरण से समायोजन करने में अक्षमता होती थी तो वह प्राकृतिक पर्यावरण की ओर प्रवास करता था।
- इसको आदिम प्रवास की संज्ञा दी जाती है।
- प्राचीन काल में पशु चरवाहे एवं शिकारी इस प्रकार के प्रवास किया करते थे।
2. उकसाया गया प्रवास-
- इस प्रकार का प्रवास सरकार एवं सामाजिक संस्थाओं को प्रेरणा से होता है।
- इसे बलात प्रवास भी कहते है।
- बलात प्रवास में प्रवासी को जाने या रुकने का निर्णय उसके स्वयं का नहीं होता बल्कि इसका निर्णय सरकार एवं सामाजिक संस्थाओं का होता है।
3. स्वतंत्र प्रवास-
- यह प्रवास ऊपर लिखे गए बलात या उकसाए गए प्रवास के विपरित है।
- इसमें प्रवासी व्यक्ति को इच्छा शक्ति कम करती है।
- स्वतंत्र प्रवास कम संख्या में होता है।
- इस तरह के प्रवास से सामूहिक प्रवास को बल मिलता है।
About the Author
Namaste! I'm sudhanshu. I have done post graduation in Geography. I love blogging on the subject of geography.