
जनसंख्या घनत्व का सामान्य अर्थ:
- जनसंख्या घनत्व से तात्पर्य यह है कि किसी क्षेत्र या भू भाग के कुल क्षेत्रफल को उस क्षेत्र या भू भाग के कुल जनसंख्या से भाग देने पर जो भागफल मिलता है उसे ही जनसंख्या घनत्व कहते है।
 
जनसंख्या घनत्व को ज्ञात करने का सूत्र निम्न प्रकार है-

- जनसंख्या घनत्व को सरल रूप में इस तरह समझा जा सकता है, जैसे किसी देश का क्षेत्रफल 500 वर्ग किलोमीटर है और वहां की निवास करने वाले लोगों की कुल जनसंख्या 1,00,000 है तो जनसंख्या का घनत्व 200 वर्ग किलोमीटर होगा।
 - यदि किसी देश का क्षेत्रफल वहां निवास करने वाली जनसंख्या से कम है तो वहां का घनत्व अधिक होगा, और सघन जनसंख्या होगा।
 - इसके विपरित यदि किसी देश का क्षेत्रफल वहां निवास करने वाली जनसंख्या से अधिक है तो वहां का घनत्व कम होगा, और वहां विरल जनसंख्या होगा।
 
जनसंख्या घनत्व की परिभाषा-
 
किसी देश के प्रति वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में निवास करने वाले मानवीय जनसंख्या को ही उस देश का जनसंख्या घनत्व कहते है।
जनसंख्या घनत्व कई प्रकार के होते है। जानने के लिए क्लिक करें
जनसंख्या घनत्व को प्रभावित करने वाले कारक:
जनसंख्या घनत्व को प्रभावित करने वाले कारकों को प्रमुख रूप से दो भागों में बांटा गया है-अ. भौगोलिक कारक:
1. धरातलीय उच्चावच-
- जनसंख्या का घनत्व ऐसे स्थानों पर अधिक होता है जहां धरातल की बनावट समतल हो अर्थात् मैदानी भाग सघन जनसंख्या वाले होते है, भारत के उत्तर के विशाल मैदान गंगा यमुना कृषि एवं उद्योग के लिए अनुकूल है।
 - ऐसे स्थान जो पर्वतों से घिरा है जैसे भारत में पूर्वोत्तर ले राज्य हिमाचल प्रदेश लद्दाख जैसे राज्य जहां ऊंची ऊंची चोटी है वहां घनत्व विरल होती है।
 
2. जलवायु-
- सबसे प्रमुख कारक तो जलवायु है। क्योंकि मानव अनुकूल वातावरण रहने से वहां जनसंख्या का बसाव अधिक होगा।
 - पंजाब, उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, दिल्ली, पश्चिम बंगाल मानव निवास के लिए अनुकूल जलवायु प्रदान करता है इसलिए इन राज्यों में घनत्व अधिक होता है।
 - लद्दाख, अरुणाचल प्रदेश, असम, अंडमान निकोबार द्वीपसमूह में जलवायु मानव अनुकूल नहीं होने के कारण कम घनत्व है।
 
3. मृदा की उर्वरता-
 - मृदा की उर्वरता जिन क्षेत्रों में होती है, वहां जनसंख्या का बसाव सघन होता है।
 - जैसे गंगा यमुना के दोआब में मृदा बहुत ही उपजाऊ है इसलिए यह क्षेत्र घना बसा हुआ है।
 - वहीं जहां मृदा उपजाऊ नहीं होती है ऐसे क्षेत्रों में जन घनत्व कम होता है।
 - जैसे राजस्थान में मरू भूमि होने के कारण काफी कम जनसंख्या का बसाव देखने को मिलता है।
 
4. वर्षा-
- अनुकूल वर्षा वाले भागों की ओर जनसंख्या अधिक आकर्षित होती है।
 - क्योंकि यहां अच्छी वर्षा होने से विशेष रूप से कृषि के लिए जल की आपूर्ति एवं अन्य कई कार्यों में जल की आवश्यकता की पूर्ति होती है।
 - पश्चिम बंगाल, बिहार आदि राज्य इसलिए ही सघन जनसंख्या वाले है।
 - ऐसे क्षेत्र जहां बहुत कम वर्षा होती है अथवा बहुत अधिक वर्षा होती है वहां जनसंख्या घनत्व भी कम पाया जाता है।
 - राजस्थान, लद्दाख आदि में वर्षा बहुत कम होती जिसके कारण यह राज्य कम जन बसाव वाले है।
 
ब. मानवीय कारक:
1. जल की प्राप्ति-
- ऐसे स्थान जहां पर्याप्त मात्रा में जल उपलब्ध होता है वहां जनसंख्या अधिक पायी जाती है।
 - सिंचाई, बिजली, यातायात, उद्योग, घरेलू जलापूर्ति आदि के लिए जल को नितांत आवश्यकता होती है।
 - इसलिए ही पंजाब, हरियाणा में जनसंख्या का घनत्व अधिक है।
 
2. औद्योगिक विकास-
- जिन क्षेत्रों में उद्योगों का विकास अच्छी तरह होता है वहां लोग रोजगार के लिए आकर्षित होते है।
 - अतः इन क्षेत्रों में जनसंख्या का घनत्व अधिक देखने को मिलता है।
 - पश्चिम बंगाल, ओडिशा, झारखंड, आंध्र प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्रों में जनसंख्या सघन होती है।
 
3. खनिजों की उपलब्धता-
- आर्थिक विकास के लिए खनिज की पर्याप्त उपलब्धता होना आवश्यक है।
 - इसके अलावा खनिजों के अधिक भंडार होने से यह एक रोजगार का साधन भी है।
 - इसलिए जिन क्षेत्रों में खनिजों की अधिक उपलब्धता है वहां जनसंख्या अधिक होती है।
 - झारखंड तथा ओडिशा के छोटा नागपुर के पठार में खनिजों का विशाल भंडार है इसलिए वहां जनसंख्या भी अधिक है।
 
4. यातायात की उचित सुविधा-
- एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने के लिए अथवा आर्थिक गतिविधियों के संचालन के लिए परिवहन की पर्याप्त सुविधा का होना आवश्यक है।
 - जहां परिवहन की अच्छी सुविधा होती है वहां जनसंख्या का बसाव भी अधिक होता है जैसे दिल्ली, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश आदि राज्यों में जनसंख्या का बसाव अधिक है।
 - हिमाचल प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम जैसे दुर्गम क्षेत्रों में यातायात की अच्छी सुविधा होना संभव नहीं है इसलिए यह क्षेत्र कम या विरल आबादी वाले है।
 
 
उक्त बिंदुओ से समझा जा सकता है कि किन क्षेत्रों में जनसंख्या घनत्व अधिक होगा और किन क्षेत्रों में घनत्व कम होगा। अब नीचे भारत के राज्यों का घनत्व दिया जा रहा जिससे और अधिक स्पष्ट होगा।
भारत का जनसंख्या घनत्व:
- नीचे दिए गए सारिणी में 1901 से 2011 तक के आंकड़े दर्शायें गए है-
 
 
   
    
      
        | जनगणना वर्ष | 
        घनत्व/वर्ग कि. मी. | 
      
    
    
      
        | 1901 | 
        77 | 
      
      
        | 1911 | 
        82 | 
      
      
        | 1921 | 
        81 | 
      
      
        | 1931 | 
        90 | 
      
      
        | 1941 | 
        103 | 
      
      
        | 1951 | 
        117 | 
      
      
        | 1961 | 
        142 | 
      
      
        | 1971 | 
        177 | 
      
      
        | 1981 | 
        216 | 
      
      
        | 1991 | 
        267 | 
      
         
        | 2001 | 
        324 | 
      
      
        | 2011 | 
        382 | 
      
    
  
 
- भारत में जनसंख्या घनत्व का वितरण आसमान है।
कहीं अधिक घनत्व है तो कहीं घनत्व बहुत कम है।
 - दशकीय घनत्व में भी काफी असमानता है।
 - सन् 2001 में घनत्व 324 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर था जो 2011 में बढ़कर 382 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर हो गया है। 
 
 
  
    
      
         
       | 
    
    
| भारत का राज्यवार जनसंख्या घनत्व का मानचित्र | 
    
  
राज्यवार घनत्व का वितरण:
भारत के राज्यवार घनत्व के वितरण को चार भागों में बांटा गया है-
1. अत्याधिक घनत्व वाले राज्य-
- अत्याधिक घनत्व वाले राज्यों में हमने कुल १० राज्यों को रखा है, ताकि सरलता से समझा जा सके।
 - इन राज्यों में घनत्व के आंकड़े निम्न प्रकार से है-
 
 
   
    
      
        | क्रमांक | 
        राज्य | 
        घनत्व/वर्ग कि. मी | 
      
    
    
      
        | 1. | 
        बिहार | 
        1102 | 
      
      
        | 2. | 
        प. बंगाल | 
         1029 | 
      
      
        | 3. | 
        केरल | 
        859 | 
      
      
        | 4. | 
        उत्तर प्रदेश | 
        828 | 
      
      
        | 5. | 
        हरियाणा | 
         573 | 
      
      
        | 6. | 
        तमिलनाडू | 
        555 | 
      
      
        | 7. | 
        पंजाब | 
        550 | 
      
      | 8. | झारखंड | 
        414 | 
      
      
        | 9. | 
        असम | 
        397 | 
      
      
        | 10. | 
        गोवा | 
        394 | 
      
    
  
 
  
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विश्लेषण-
- इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि राज्यों में सबसे अधिक घनत्व बिहार में है जहां 1102 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर में जनसंख्या निवास करती है।
 - इसको यदि सरल रूप में समझा जाए तो यह कहा जा सकता है कि बिहार में 1 वर्ग किलोमीटर में लगभग 1102 व्यक्ति रहते है।
 - इसका एक प्रमुख कारण वहां की अनियोजित जनसंख्या है ।
 - एक अन्य प्रमुख कारण वहां के क्षेत्रफल को तुलना में जनसंख्या अधिक है।
 - बिहार का कुल क्षेत्रफल लगभग 99,223 वर्ग किलोमीटर है जबकि जनसंख्या 10.38 करोड़ है।
 - यहां की जलवायु, मृदा का उपजाऊ होना भी अधिक घनत्व होने का प्रमुख कारण है।
 - दूसरा स्थान पश्चिम बंगाल का है। पश्चिम बंगाल अपनी उपजाऊ मृदा, अच्छी जलवायु दशाएं, अच्छी कृषि उत्पादकता, जल की पर्याप्त उपलब्धता, उद्योग, समुद्र तटीय राज्य होने के कारण जनसंख्या आकर्षण हमेशा ही रहता है, इसलिए यहां घनत्व 1029 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर पाया जाता है।
 - केरल राज्य अधिक जनसंख्या घनत्व वाले राज्यों में तीसरे स्थान पर है।
 - केरल में जनसंख्या का घनत्व 859 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है।
 - स्वास्थ्यवर्धक जलवायु, उन्नत कृषि, उद्योग, अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए बंदरगाहों की सुविधा आदि होने के कारण यह राज्य जनसंख्या के आकर्षण का केंद्र है।
 - उत्तर प्रदेश, जनसंख्या में यह राज्य पहले स्थान पर है। लेकिन जनसंख्या घनत्व में चौथे स्थान पर है, यहां घनत्व 828 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है।
 - उत्तर प्रदेश में भारत का विशाल मैदानी क्षेत्र आता है जो सदावहिनी नदियों द्वारा निर्माण की गई है।
 - इसलिए इस राज्य में जल, उपजाऊ मृदा, उद्योग, उन्नत कृषि, परिवहन साधन आदि की सुविधा है और ऐसे क्षेत्रों में जनसंख्या का घनत्व अधिक होना स्वाभाविक है।
 - इसके बाद पांचवां स्थान हरियाणा राज्य का है।
 - यहां जनसंख्या का घनत्व 573 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है।
 - हरियाणा देश की राजधानी दिल्ली से सटे होने, अच्छी कृषि व्यवस्था, पर्याप्त सिंचाई सुविधा, उद्योग व्यापार आदि के होने से यहां का घनत्व अधिक है।
 - तमिलनाडू छठवें स्थान पर है जहां जनसंख्या का घनत्व 555 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है।
 - इसके बाद पंजाब(550), झारखंड(414), असम(397), गोवा(394) राज्य आते है।
 
 
2. अधिक घनत्व वाले राज्य-
- अधिक जनसंख्या घनत्व वाले में ५ राज्यों को रखा गया है।
 - यह निम्न प्रकार से है-
 
   
    
      
        | क्रमांक | 
        राज्य | 
        घनत्व/वर्ग कि.मी. | 
      
    
    
      
        | 11. | 
        महाराष्ट्र | 
        365 | 
      
      
        | 12. | 
        त्रिपुरा | 
         350 | 
      
      
        | 13. | 
        कर्नाटक | 
        319 | 
      
      
        | 14. | 
        गुजरात | 
        308 | 
      
      
        | 15. | 
        आंध्र प्रदेश | 
         308 | 
      
    
  
 
विश्लेषण-
- अधिक घनत्व वाले राज्यों में महाराष्ट्र का घनत्व 365 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है।
 - महाराष्ट्र में मुंबई, पुणे, नागपुर जैसे शहरों में जनसंख्या का घनत्व अधिक है।
 - त्रिपुरा, भारत का पूर्वोत्तर राज्य है। यहां घनत्व 350 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है।
कर्नाटक में घनत्व 319 है। जो राज्यों के घनत्व में 13 वें स्थान पर है।
 - इसके बाद गुजरात और आंध्र प्रदेश का स्थान है जिसमे क्रमशः 308 ,308 घनत्व है।
 
 
3. मध्यम घनत्व वाले राज्य-
- मध्यम घनत्व वाले राज्यों ५ राज्यों को हमने रखा है।
 - जो निम्न प्रकार से है-
 
 
3. मध्यम घनत्व वाले राज्य-
- मध्यम घनत्व वाले राज्यों ५ राज्यों को हमने रखा है।
 - जो निम्न प्रकार से है-
 
 
   
    
      
        | क्रमांक | 
        राज्य | 
        घनत्व/वर्ग कि. मी. | 
      
    
    
      
        | 16. | 
        ओड़िशा | 
        269 | 
      
      
        | 17. | 
        मध्य प्रदेश | 
         236 | 
      
      
        | 18. | 
        राजस्थान | 
        201 | 
      
      
        | 19. | 
        छत्तीसगढ़ | 
        189 | 
      
      
        | 20. | 
        उत्तराखंड | 
         189 | 
      
    
  
 
विश्लेषण-
- मध्यम वाले पांच राज्यों में पहले स्थान पर ओड़िशा है। यहां घनत्व 269 प्रति वर्ग किलोमीटर है।
 - संपूर्ण राज्यों में यह राज्य 16 वें स्थान पर है।
 - इसके पश्चात मध्य प्रदेश में जनसंख्या घनत्व 236 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है।
 - राजस्थान(201), छत्तीसगढ़(189) और उत्तराखंड(189) का स्थान क्रमशः 18 वां, 19 वां, 20 वां स्थान है।
 
 
4. कम घनत्व वाले राज्य-
- कम घनत्व वाले राज्यों में कुल ८ राज्य है।
 - इनमे घनत्व बहुत ही कम है।
 - इनके आंकड़े नीचे सारिणी में निम्न प्रकार से है-
 
 
 
    
      
        | क्रमांक | 
        राज्य | 
        घनत्व/वर्ग कि.मी. | 
      
    
    
      
        | 21. | 
        मेघालय | 
        132 | 
      
      
        | 22. | 
        जम्मू कश्मीर | 
         124 | 
      
      
        | 23. | 
        हिमाचल प्रदेश | 
        123 | 
      
      
        | 24. | 
        मणिपुर | 
        122 | 
      
      
        | 25 | 
        नागालैण्ड | 
         119 | 
      
         
        | 26. | 
        सिक्किम | 
        86 | 
      
      
        | 27. | मिजोरम | 
        52 | 
      
      
        | 28. | 
        अरुणाचल प्रदेश | 
         17 | 
      
    
  
 
विश्लेषण-
- कम घनत्व वाले आँठों राज्यों की एक समान तथ्य यह हैं कि यह सभी राज्य पर्वत और पहाड़ियों से घिरा है यानी यह क्षेत्र पर्वतीय स्थलाकृति वाले है।
 - जहां तक जनसंख्या की देखें तो पहाड़ी और पर्वतीय भागों में मानवीय जनसंख्या कम पायी जाती है।
 - जनसंख्या घनत्व भी इन क्षेत्रों में कम देखने को मिलता है।
 - पूरे भारत के राज्यों में सबसे कम जनसंख्या घनत्व वाला राज्य अरुणाचल प्रदेश है जहां केवल 17 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर जनसंख्या निवास करती है।
 - इसके अलावा 21 से 27 तक के राज्यों को ऊपर तालिका में जनसंख्या घनत्व को देखा जा सकता है।
 
केंद्र शासित प्रदेशों में जनसंख्या घनत्व-
- सभी केंद्र शासित प्रदेशों में जनसंख्या का घनत्व बहुत अधिक देखने को मिलता है।
 - 7 केंद्र शासित प्रदेशों में घनत्व को निम्न तालिका से समझा जा सकता है-
 
 
   
    
      
        | क्रमांक | 
        प्रदेश | 
        घनत्व/वर्ग कि.मी. | 
      
    
    
      
        | 1. | 
        दिल्ली | 
        11,297 | 
      
      
        | 2. | 
        चण्डीगढ़ | 
         9,252 | 
      
      
        | 3. | 
        पंडूचेरी | 
        2,598 | 
      
      
        | 4. | 
        दमन और दीव | 
        2,169 | 
      
      
        | 5. | 
        लक्षव्दीप | 
         2,013 | 
      
         
        | 6. | 
        दादरा एवं नगर हवेली | 
        698 | 
      
      
        | 7. | 
        अंडमान निकोबार | 
        46 | 
      
    
  
 
विश्लेषण-
- केंद्र शासित प्रदेशों में सबसे अधिक घनत्व दिल्ली का है।
 - दिल्ली में घनत्व अधिक होने का कारण प्रमुख रूप से वहां के क्षेत्रफल की तुलना में जनसंख्या अधिक होना है।
 - दिल्ली का क्षेत्रफल केवल 1,483 वर्ग किलोमीटर है, इतने में कुल 1.67 करोड़ जनसंख्या निवास करती है।
 - चूंकि दिल्ली देश की राजधानी है इसलिए यहां जनसंख्या की अधिकता पायी जाती है।
 - दूसरा स्थान चण्डीगढ़ का है यह एक नियोजित प्रदेश जो केवल 114 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है इतने कम क्षेत्र में जनसंख्या 10.54 लाख है। अतः इसने स्पष्ट है कि यहां सघन जनसंख्या का बसाव है।
 - इसके बाद पंडूचरी का स्थान है जहां घनत्व 2,598 है।
 - अगला स्थान दमन और दीव का है जहां 2,169 है इसका भी क्षेत्रफल काफी कम है मात्रा 112 वर्ग किलोमीटर है।
 - इसके बाद पांचवें और छठवें स्थान पर लक्षद्वीप तथा दादरा एवं नगर हवेली है जिनमे क्रमशः 2,013 और 698 घनत्व है।
 - सबसे कम घनत्व वाला केंद्र शासित प्रदेश अंडमान और निकोबार द्वीप समूह है जहां केवल 46 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर जनसंख्या निवास करती है।