
भूमिका:
- भारत की नवीनतम जनगणना 2011 की है।
 - भारत 1881 से प्रति 10 वर्ष के अंतराल में जनगणना होता है।
 - इस तरह 2011 की जनगणना देश की 15 वीं तथा स्वतंत्र भारत की 7 वीं जनगणना थी।
 - इस जनगणना के अनुसार भारत की कुल जनसंख्या 1,21,01,93,422 है।
 - 2011 की जनगणना के अनुसार पुरुषों की जनसंख्या 62,37,24,248 है तथा महिलाओं की जनसंख्या 58,64,69,174 है।
 - जनसंख्या का घनत्व 382 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है।
 - भारत में विश्व की 17.5% जनसंख्या निवास करती है।
 - विश्व की जनसंख्या 2010 में लगभग 6.9 अरब थी।
 - (आंकड़े संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष 2010)
 
   
    
      
  | क्रम | 
 देश | 
 जनसंख्या | 
 विश्व जन.(%) | 
      
    
    
    
 | 1. | 
चीन | 
1.35 अरब | 
19.4 | 
    
    
 | 2. | 
भारत | 
1.21 अरब | 
17.5 | 
    
    
 | 3. | 
सं.रा.अमेरिका | 
31.7 करोड़ | 
4.5 | 
    
    
 | 4. | 
इंडोनेशिया | 
23.2 करोड़ | 
3.4 | 
    
    
 | 5. | 
ब्राजील | 
19.5 करोड़ | 
2.8 | 
    
    
 | 6. | 
पाकिस्तान | 
18.4 करोड़ | 
2.7 | 
    
      
 | 7. | 
बांग्लादेश | 
16.4 करोड़ | 
2.4 | 
    
      
 | 8. | 
नाइजीरिया | 
15.8 करोड़ | 
2.3 | 
    
      
 | 9. | 
रूसी संघ | 
14.0 करोड़ | 
2.0 | 
    
      
 | 10. | 
जापान | 
12.7 करोड़ | 
1.9 | 
    
    
  
 
भारतीय जनगणना का इतिहास:
- भारत के सर्वप्रथम जनगणना लॉर्ड मेयो के शासन काल के समय सन् 1867-1872 के बीच हुई थी।
 - यह जनगणना अधिक विश्वसनीय नही थी, क्योंकि यह कुछ प्रांतों(राज्य) तक सीमित थी और साथ ही इसकी कार्य पद्धति भी एक जैसी नहीं थी।
 - अतः इसके बाद लॉर्ड रिपन के शासन काल में सन् 1881 में नियमित जनगणना करायी गई और इसके बाद हर 10 वर्ष के अंतराल में जनगणना होने लगी।
 - स्वतंत्र भारत में प्रथम जनगणना 1951 में हुई थी।
 - 1951 से 2011 तक की जनगणना कार्य में लगे समय को नीचे तालिका में दर्शाया गया है-
 
   
    
      
  | जनगणना वर्ष | 
 अवधि | 
      
    
    
    
 | 1951 | 
9 फरवरी से 1 मार्च तक | 
    
    
 | 1961 | 
10 फरवरी से 28 फरवरी तक | 
    
    
 | 1971 | 
10 मार्च से 31 मार्च तक | 
    
    
 | 1981 | 
9 फरवरी से 5 मार्च तक | 
    
    
 | 1991 | 
9 फरवरी से 28 फरवरी तक | 
    
    
 | 2001 | 
9 फरवरी से 28 फरवरी 2001 तक | 
    
      
 | 2011 | 
9 फरवरी से 28 फरवरी 2011 तक | 
    
    
  
 
भारत में जनसंख्या का वितरण-2011:
- भारत में जनसंख्या का वितरण एक समान नहीं है, यहां जनसंख्या के वितरण में लाखों और करोड़ों का अंतर देखने को मिलता है।
 - भारत में जनसंख्या का वितरण आसमान होने का एक कारण भारत की भौगोलिक स्थिति है भारत में समान्यतः पर्वतीय क्षेत्र में जनसंख्या कम होता है, वहीं मैदानी भाग में अत्यधिक होता है, पठारी भाग में मध्यम होता है कुछ स्थानों को छोड़कर।
 - भारत में जनसंख्या के राज्यवार वितरण को सरलता से समझने के लिए हमने भारत को चार जनसंख्या प्रदेशों में बांटा है जो इस प्रकार है-
 
1. अधिक जनसंख्या वाले राज्य-
- इस सूची में हमने 6 करोड़ से अधिक जनसंख्या वाले राज्यों को रखा है।
 - इनमे जनसंख्या निम्न प्रकार से है-
 
   
    
      
  | क्रमांक | 
 राज्य | 
 जनसंख्या 2011 | 
      
    
    
    
 | 1. | 
  उत्तर प्रदेश | 
19.95 करोड़ | 
    
    
 | 2. | 
  महाराष्ट्र | 
11.23 करोड़ | 
    
    
 | 3. | 
  बिहार | 
10.38 करोड़ | 
    
    
 | 4. | 
  प. बंगाल | 
9.13 करोड़ | 
    
    
 | 5. | 
  आंध्र प्रदेश | 
8.46 करोड़ | 
    
    
 | 6. | 
  मध्य प्रदेश | 
7.25 करोड़ | 
    
      
 | 7. | 
  तमिलनाडू | 
7.21 करोड़ | 
    
    
 | 8. | 
  राजस्थान | 
6.86 करोड़ | 
    
    
 | 9. | 
  कर्नाटक | 
6.11 करोड़ | 
    
    
 | 10. | 
  गुजरात | 
6.03 करोड़ | 
    
    
  
 
विश्लेषण:
- इन आंकड़ों में स्पष्ट है कि देश में सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य उत्तर प्रदेश है। यहां देश की कुल जनसंख्या का 16.49% निवासरत है।
 - यदि उत्तर प्रदेश की जनसंख्या को विश्व के सर्वाधिक जनसंख्या वाले देशों के साथ तुलना की जाये तो वह चीन, भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका, इंडोनेशिया के बाद विश्व की पांचवी बड़ी जनसंख्या है।
 - उत्तर प्रदेश की जनसंख्या ब्राजील, पाकिस्तान, बांग्लादेश, नाइजीरिया, रूसी संघ, जापान आदि देशों से भी अधिक है।
 
उत्तर प्रदेश में देश की सबसे अधिक जनसंख्या होने का कारण-- उत्तर प्रदेश में जनसंख्या अधिक होने का एक महत्वपूर्ण कारण उसकी भौगोलिक स्थिति है। दरअसल उत्तर प्रदेश भारत का एक ऐसा राज्य है जहां विशाल मैदान है। मैदानी क्षेत्र में मानव जनसंख्या को निवास के लिए पर्याप्त जगह और सुविधा होती है इसलिए यहां जनसंख्या का निवास अधिक होता है।
 - उत्तर प्रदेश की जनसंख्या अधिक होने का दूसरा महत्वपूर्ण कारण यह है कि यहां नदियों की अधिकता है, नदियां सभ्यता के विकास की जननी होती है, विश्व की लगभग सभी प्राचीन सभ्यताएं नदियों के किनारे की फली फूली और विकसित हुई चाहे वह सिंधु सभ्यता हो या मेसोपोटामिया, नील नदी सभ्यता हो या चीन की पीली घाटी सभ्यता सभी नदियों के ही आसपास विकसित हुई। उत्तर प्रदेश में गंगा, यमुना जैसे सदावहिनी नदियां है जिससे मानव की मूलभूत आवश्यकता की पूर्ति होती है।
 - तीसरा महत्वपूर्ण कारण है, मृदा का उपजाऊ, चूंकि यहां की नदियां सदावहिनी है इसलिए मृदा उपजाऊ है जिससे कृषि फसलों का उत्पादन अधिक होता है। कृषि विकास के कारण जनसंख्या का निवास भी अधिक हो जाता है क्योंकि कृषि मानव का प्राथमिक और अति महत्वपूर्ण व्यवसाय है।
 - चौथा कारण उत्तर प्रदेश का क्षेत्रफल, राजस्थान(3.42 लाख वर्ग किमी), महाराष्ट्र(3.07 लाख वर्ग किमी) के बाद क्षेत्रफल में तीसरा स्थान उत्तर प्रदेश(2.40 लाख वर्ग किमी) का है, अतः यहां निवास के लिए भी काफी स्थान है।
 - अन्य कारणों में अच्छी जलवायु दशाएं, ऐतिहासिक कारण, धार्मिक कारण, परिवहन सुविधा आदि है।
 
उत्तर प्रदेश के पश्चात महाराष्ट्र में सबसे अधिक जनसंख्या है। महाराष्ट्र में 2011 के अनुसार 11.23 करोड़ जनसंख्या निवास करती है। इस राज्य का देश की जनसंख्या में 9.29% का योगदान है। यहां सर्वाधिक जनसंख्या वाले जिलों में-
- थाणे, पुणे, मुंबई उपनगरीय, नासिक आदि है।
 
महाराष्ट्र में जनसंख्या अधिक होने के कारण-- पहला कारण यह है कि महाराष्ट्र एक बड़ा राज्य है, यह क्षेत्रफल (3.07 वर्ग किलोमीटर) की दृष्टि से दूसरा बड़ा राज्य है।
 - दूसरा कारण यह कि यहां की उन्नत कृषि प्रणाली, महाराष्ट्र के ज्यादातर भाग में काली मिट्टी का विस्तार है जो कपास की खेती के लिए बहुत ही अच्छी मानी जाती है क्योंकि इस मिट्टी में नामी धारण क्षमता अधिक होती है। अतः यहां की जनसंख्या इससे प्रभावित होती है।
 - जलवायु भी यहां निवास करने के अनुकूल है।
 - उद्योगों की अधिकता के कारण रोजगार भी अधिक है इसलिए यहां की जनसंख्या भी अधिक है।
 - बिहार में 2011 की जनगणना के अनुसार 10.38 करोड़ है।  संपूर्ण देश का लगभग 8.60% जनसंख्या बिहार में निवास करती है। बिहार में सबसे अधिक जनसंख्या वाला जिला पटना है, जहां 58.38 लाख जनसंख्या है। पटना के अलावा पूर्वी चंपारण दूसरे तथा मुजफ्फरपुर तीसरे स्थान पर है।
 - पश्चिम बंगाल की जनसंख्या लभग 9.13 करोड़ है। सबसे अधिक जनसंख्या वाले जिले में उत्तर चौबीस परगना(लगभग 1 करोड़) है। वही सबसे कम जनसंख्या में दक्षिण दिनाजपुर है जहां लगभग 16 लाख जनसंख्या है।
 - आंध्र प्रदेश (तेलंगाना को जोड़ कर) की जनसंख्या 8.46 करोड़ है। यह देश को जनसंख्या का 7% है।
 - मध्य प्रदेश में जनसंख्या 7.25 करोड़ है, यह देश की कुल जनसंख्या का लगभग 6% है।
 - तमिलनाडु की जनसंख्या 7.21 करोड़ है जो कुल जनसंख्या का 5.96% है।
 - राजस्थान की जनसंख्या 6.86 करोड़ है, कुल जनसंख्या का प्रतिशत 5.67% है।
 - कर्नाटक की जनसंख्या 6.11 करोड़ है जो कुल जनसंख्या का 5.05% है।
 - गुजरात की जनसंख्या 6.03 करोड़ है यह देश की कुल जनसंख्या का 4.99% है।
 
2. मध्यम जनसंख्या वाले राज्य-
- मध्यम जनसंख्या वाले राज्यों में हमने 1 करोड़ से 5 करोड़ के मध्य जनसंख्या वाले राज्यों को रखा है।
 - इनमे जनसंख्या निम्न प्रकार से है-
 
   
    
      
  | क्रमांक | 
 राज्य | 
 जनसंख्या 2011 | 
      
    
    
    
 | 11. | 
  ओडिशा | 
4.19 करोड़ | 
    
    
 | 12. | 
  केरल | 
3.33 करोड़ | 
    
    
 | 13. | 
  झारखंड | 
3.29 करोड़ | 
    
    
 | 14. | 
  असम | 
3.11 करोड़ | 
    
    
 | 15. | 
  पंजाब | 
2.77 करोड़ | 
    
    
 | 16. | 
  छत्तीसगढ़ | 
2.55 करोड़ | 
    
      
 | 17. | 
  हरियाणा | 
2.53 करोड़ | 
    
    
 | 18. | 
  दिल्ली | 
1.67 करोड़ | 
    
    
 | 19. | 
  जम्मू कश्मीर | 
1.25 करोड़ | 
    
    
 | 20. | 
  उत्तराखंड | 
1.01 करोड़ | 
    
    
  
 
  
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विश्लेषण:
- यहां ओडिशा में 4.19 करोड़ जनसंख्या है जो देश की जनसंख्या का 3.47% है।
 - इसके पश्चात केरल राज्य है जहां 3.33 करोड़ जनसंख्या है यह जनसंख्या समस्त देश का 2.76% है। 
 - झारखंड की जनसंख्या भी काफी अधिक है यहां कुल जनसंख्या 3.29 करोड़ है।
 - इस राज्य का देश की कुल जनसंख्या में 2.72 % का योगदान है।
 - इसके बाद असम, पंजाब, छत्तीसगढ़, हरियाणा, दिल्ली, जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड राज्य का स्थान है जिसकी जनसंख्या को उक्त तालिका में देखा जा सकता है।
 
  
    
      
         
       | 
    
    
| भारत की राज्यवार जनसंख्या | 
    
  
3. कम जनसंख्या वाले राज्य-
- कम जनसंख्या वाले राज्यों में हमने 10 लाख से 70 लाख की जनसंख्या वाले राज्यो को शामिल किया है।
 
   
    
      
  | क्रमांक | 
 राज्य | 
 जनसंख्या 2011 | 
      
    
    
    
 | 21. | 
  हिमाचल प्रदेश | 
68.65 लाख | 
    
    
 | 22. | 
  त्रिपुरा | 
36.71 लाख | 
    
    
 | 23. | 
  मेघालय | 
29.64 लाख | 
    
    
 | 24. | 
  मणिपुर | 
27.21 लाख | 
    
    
 | 25. | 
  नागालैंड | 
19.80 लाख | 
    
    
 | 26. | 
  गोवा | 
14.57 लाख | 
    
      
 | 27. | 
  अरुणाचल प्रदेश | 
13.82 लाख | 
    
    
 | 28. | 
  पुडुचेरी | 
12.44 लाख | 
    
    
 | 29. | 
  मिजोरम | 
10.91 लाख | 
    
    
 | 30. | 
  चंडीगढ़ | 
10.54 लाख | 
    
    
  
 
विश्लेषण:
- कम जनसंख्या वाले राज्यों में हिमाचल प्रदेश 68.65 लाख जनसंख्या है जो भारत के कुल जनसंख्या का 0.57% है। यहां कम जनसंख्या होने एक प्रमुख कारण ऊंचे-ऊंचे पर्वतों का होना है। हिमाचल प्रदेश की जलवायु भी कम जनसंख्या होने का कारण है। शीत ऋतु में बर्फबारी होती है, और वर्षा काल में यहां की नदियां उफान पर होती है जिससे यह प्रदेश अधिकांशतः बाढ़ से प्रभावित रहती है।
 - त्रिपुरा, मेघालय, मणिपुर, नागालैंड यह सभी राज्य भारत के उत्तर पूर्वी भाग में है। इन राज्यों के अधिकांश भाग में हिमालय की पहाड़ियां है। इस कारण जनसंख्या का निवास मैदानी या पठारी भाग की अपेक्षा कम होता है। यहां जनसंख्या क्रमशः त्रिपुरा में 36.71 लाख (0.30%), मेघालय में 29.64 लाख (0.24%), मणिपुर की जनसंख्या 27.21 लाख (0.22%), नागालैंड में 19.80 लाख (0.16%) है।
 - गोवा की जनसंख्या 14.57 लाख है। यह देश की कुल जनसंख्या का 0.12% है।
 - अरुणाचल प्रदेश भी भारत का उत्तर पूर्वी राज्य है, यहां की जनसंख्या 13.82 लाख है, जो भारत की जनसंख्या का 0.11% है।
 - इसके बाद क्रमशः पुडुचेरी, मिजोरम, चंडीगढ़ का स्थान है। जहां जनसंख्या क्रमशः पुडुचेरी में 12.44 लाख (0.10%), मिजोरम 10.91 लाख (0.9%), चंडीगढ़ में 10.54 लाख (0.9%) है।
 
4. सबसे कम जनसंख्या-
 
   
    
      
  | क्रमांक | 
 राज्य | 
 जनसंख्या 2011 | 
      
    
    
    
 | 31. | 
  सिक्किम | 
6.07 लाख | 
    
    
 | 32. | 
  अंडमान एवं निकोबार | 
3.79 लाख | 
    
    
 | 33. | 
  दादरा एवं अगर हवेली | 
3.42 लाख | 
    
    
 | 34. | 
  दमन और दीव | 
2.42 लाख | 
    
    
 | 35. | 
  लक्षद्वीप | 
64 हजार | 
    
    
  
 
विश्लेषण:
- सिक्किम क्षेत्रफल में भी छोटा सा राज्य है, इसलिए यहां जनसंख्या कम होने का एक कारण यह है। यहां जनसंख्या 6.07 लाख है जो भारत की जनसंख्या का 0.05% है।
 - अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह की जनसंख्या भी बहुत कम है यहां केवल 3.79 लाख जनसंख्या है यह 0.03% है।
 - दादरा एवं अगर हवेली में 3.42 लाख जनसंख्या निवास करती है जो देश की जनसंख्या का 0.03% है।
 - दमन और दीव में 2.42 लाख जनसंख्या है जो 0.02% है।
 - लक्षद्वीप की जनसंख्या देश में सबसे कम कम है। यहां केवल 64 हजार जनसंख्या है जो 0.01% है।