![गंगा नदी का उद्गम](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhzobBEj90mjQH9Mhj6DFiq_UIUPTJW2acVlGhYRjCgCsKYKlxgcmyEy7bXOjgNbX0SWNyVVYu_l03_WaNpTpIxn4Qova7Iyr-znTINSHrz1t8RuciMoIUh03EumkMmvYqZVgn65bWgU5C1ggUJkCkgv9raahvzgOsUl_Y1rRUjSx-lTLgDJaQ-8-3uYO0/s600-rw/ganganadikaudgam.webp)
- पर्वतीय भाग में ऊंचाई के कारण प्रति 165 मीटर की ऊंचाई पर 1 डिग्री तापमान घटता जाता है और अधिक ऊंचाई में तापमान के घटने से हवा में जो नमी विद्यमान रहती है।
- वह बर्फ में बदलने लगता है और यह हिमनद का रूप ले लेता है किंतु जब तापमान थोड़ा कम होता है तो यह पानी बनकर बहने लगती है इसे नदी कहा जाता है।
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गंगा नदी का उद्गम |
- गंगा नदी भारत की प्रमुख नदी में से एक है। जिसकी लंबाई 2,525 किलोमीटर है। गंगा नदी दो देशों भारत और बांग्लादेश में बहती है। भारत के पांच राज्यों उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल से होकर बंगाल की खड़ी में मिल जाती है। संसार का सबसे बड़ा डेल्टा सुंदरवन इसी नदी से बना है।
- भारतीय ग्रंथों में भागीरथी नदी को ही गंगा कहा गया है जिसका उद्गम स्थल उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले गंगोत्री हिमनद के समीप गोमुख में है। किंतु भूगोल के अनुसार गंगा नदी विभिन्न नदियों से मिलकर बना है जो इस प्रकार है।
- उत्तराखंड के बद्रीनाथ से दो नदियां निकलती है जिसका नाम विष्णुगंगा और धौलीगंगा है इस स्थान को विष्णुप्रयाग के नाम से जाना जाता है। यहां यह भी जानना जरूरी है कि दो नदियां जहां मिलती तो यदि उनमें से दोनो नदी की गहराई बराबर है तो उसका नाम बदल दिया जाता है यदि किसी एक गहराई ज्यादा है तो वह आगे उसी नाम से आगे बढ़ जाता है विष्णुप्रयाग में विष्णुगंगा और धौलीगंगा की गहराई बराबर है इसलिए इसका नाम बदल कर अलकांदा नाम से आगे जाना जाता है।
- इसके बाद आगे नंदाकनी नदी अलकांदा में आकर मिलती है इसके मिलन स्थल को नंदप्रयाग के नाम से जाना जाता है। अलकांदा की गहराई नंदाकनी से अधिक होने के कारण आगे इस नदी को अलकांदा ही कहा जाता है।
- इसके बाद पिंडारी नदी जहां मिलती है उसे कार्णप्रयाग कहा जाता है। इसके बाद एक नदी केदारनाथ से निकलती है जिसका नाम मंदाकनी हैं।
- वह भी अलकांदा नदी में मिलती इस स्थान को रुद्रप्रयाग कहा जाता है।
- इसके बाद गंगोत्री से निकलने वाली भागीरथी नदी है इसमें भी एक सहायक नदी आकर मिलती है जिसका नाम भिलांगना है। यही पर भारत का सबसे ऊंचा earth filler Dam टिहरी(260M) बना है। भागीरथी नदी देवप्रयाग में मिलती है और अलकांदा तथा भागीरथी की गहराई लगभग बराबर हो जाती है जिससे इसका नाम गंगा हो जाता है और यही से आगे गंगा नदी का निर्माण हो जाता है।