भूमिका:
- "जल ही जीवन" यह वाक्य ही जल की महत्ता को बताने के लिए काफी है।
- हम इतिहास में जितनी भी विकसित सभ्यता को पढ़ते या सुनते है उनका विकास ज्यादातर नदी जल के किनारे ही हुआ था।
- वर्तमान में भी उस क्षेत्र में जनसंख्या का बसाव अधिक देखने को मिलता है जहां जल की पर्याप्त उपलब्धता है।
- जैसे उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड यह सभी क्षेत्र सदा वाहिनी नदियों वाले है।
पृथ्वी पर जल की उपलब्धता:
- पृथ्वी पर जल की उपलब्धता पर्याप्त मात्रा में है।
- संपूर्ण पृथ्वी पर लगभग 1.4 अरब घन मीटर जल का विशाल भंडार है।
- लेकिन इस जलराशि का मात्रा 2.5% ही ताजा जल के रूप में मानव की मूल आवश्यकता के पूर्ति के लिए जरूरी है।
- यह जानना भी आवश्यक है कि ताजे जल का 3/4 भाग अंटार्कटिका एवं आर्कटिक हिमानी के रूप में जमा हुआ है।
- ताजे जल का सबसे प्रमुख स्त्रोत भूमिगत जल है।
महासागरों में मौजूद जल:
- कोसिन्ना ने सन् 1921 ई. में महासागरों एवं सागरों में मौजूद जल की मात्रा को 1370.323X10⁶ घन किलो मीटर बताया साथ ही महासागरों की औसत गहराई 3795 मीटर का भी उल्लेख किया था।
- महासागरों में मौजूद जल को निम्न आंकड़ों से अधिक अच्छे से समझा जा सकता है-
महासागर | क्षेत्रफल (10⁶ वर्ग कि.मी.) | आयतन (10⁶ घन मी.) | औसत गहराई (मीटर) |
---|---|---|---|
अटलांटिक | 106.463 | 354.679 | 3332 |
प्रशांत | 179.679 | 723.699 | 4028 |
हिंद | 74.917 | 291.945 | 3897 |
सभी महासागर | 361.059 | 1370.323 | 3795 |
पृथ्वी पर जल की उपलब्धता में विद्वानों में मतभेद:
वेगनर के अनुसार,
- जलीय भाग- 71.7%
- स्थलीय भाग- 28.3%
क्रूमेल के अनुसार,
- जलीय भाग- 70.8%
- स्थलीय भाग- 29.2%
जल संसाधन का उपयोग:
1. जल का प्राथमिक या मूलभूत उपयोग-
- जल के प्राथमिक उपयोग का अर्थ है कि जल का घरेलू कार्यों में उपयोग किया जाए।
- खाना बनाने, पीने, नहाने, साफ सफाई के लिए जल का घरेलू उपयोग किया जाता है।
- मनुष्य जाति को जीवित रहने के लिए करीब प्रतिदिन एक व्यक्ति को 2 लीटर जल की आवश्यकता होती है।
2. जल का द्वितीयक उपयोग-
- जल का द्वितीयक उपयोग विशेषरूप से औद्योगिक क्षेत्र में होता है।
- इस्पात उद्योग में जल, ताप विद्युत संयंत्र में जल रासायनिक उद्योग में जल आदि अन्य विभिन्न प्रकार के क्षेत्र में जल की भूमिका मतवापूर्ण है।
- इस्पात उद्योग में लोहा को ठंडा करने के लिए जल का ही उपयोग किया जाता है।
- ताप विद्युत संयंत्र में सबसे प्रमुख जल ही है क्योंकि जल को ही गर्म करके भाप से ही विद्युत पैदा करने वाले मशीनों को चलाया जाता है।
- रसायन उद्योग के क्षेत्र में क्षारों और अम्ल को बनाने में जल की महती भूमिका है।
- कागज, चमड़ा और शराब उद्योग में जल का विशेष महत्व है।
3. सिंचाई के रूप में जल-
- कृषि प्रधान देश में मानव द्वारा उपयोग किए जाने वाले जल का लगभग 80% कृषि क्षेत्र में सिंचाई के लिए प्रयोग होता है।
- जल से सिंचाई की जरूरत तब होती है जब किसी क्षेत्र में जल के मात्रा की कमी हो।
- पूर्वी एवं दक्षिण एशिया में यह सिंचाई से ही संभव हुआ है कि वहां एक वर्ष में दो फसलें ली जा रही है।
- चूंकि इस क्षेत्र के भारत, जापान, चीन, मलेशिया, बांग्लादेश, वियतनाम, म्यांमार आदि देशों में चांवल की खेती बहुतायत मात्रा में होती है जिसके लिए जल का पर्याप्त मात्रा में होना अति आवश्यक है।
- पृथ्वी पर लगभग 30% से 40% बोए जाने वाले फसल को सिंचाई की आवश्यकता होती है।
- एक किलो ग्राम पालक पैदा करने में 50 लीटर जल की जरूरत होती है।
4. औद्योगिक अपशिष्ट और सीवर के बहाव में जल का उपयोग-
- जल का उपयोग केवल कारखानों को चलाने में नहीं होता अपितु जल का उपयोग औद्योगिक अपशिष्ट को साफ करने या बहाव में भी होता है।
- पूरे विश्व में आज जिस गति से नगरीयकरण और औद्योगिकरण चल रहा है उसी गति औद्योगिक अपशिष्ट के निस्तारण की भी समस्या वृहद रूप में सामने आ रहा है।
- विश्व के ज्यादातर देशों में उद्योग व कारखाने नदियों के किनारे ही खोले जाते है ताकि जल की आपूर्ति की जा सके लेकिन कारखानों द्वारा गंदे जल या प्रदूषित जल को ठीक तरह से निस्तारण नहीं करने के कारण यह गंदा जल नदियों में चला जाता है जिससे नदियों का जल प्रदूषित हो जाता है।
- भारत में ही गंगा नदी के किनारे लगभग 100 छोटे बड़े नगर जिनका गंदा पानी गंगा नदी को प्रदूषित रहा है।
5. डेयरी पशुओं के संवर्धन में जल का उपयोग-
- पशुओं के संवर्धन में भी जल की पर्याप्त मात्रा की आवश्यकता होती है।
- नए पशुओं को रोजाना 30 से लेकर 70 लीटर जल की आवश्यकता होती है।
- पशुओं के अतिरिक्त जीव जन्तु और पक्षियों को भी जल की जरूरत होती है।
- इसलिए पक्षी व जीव जंतुओं के लिए बनाए जाने वाला पार्क जलाशयों के पास बनते है।
6. मत्स्य पालन में जल का उपयोग-
- जल के बिना तो मत्स्य पालन का विचार करना ही व्यर्थ है।
- मछलियां पेरू, नॉर्वे, स्वीडन, नीदरलैंड, स्कॉटलैंड, इंग्लैंड, जापान, कनाडा आदि देशों के तटीय भाग में रहने वाली जनसंख्या के खाद्य की जरूरत को पूरी करती है।
- भारत के गांव में तालाब, झील, नदियों में मछली का पालन होता है।
7. नौका परिवहन में जल का उपयोग-
- संपूर्ण विश्व में नौका परिवहन को ही यातायात का सबसे सस्ता साधन माना जाता है।
- ऐसे देश जहां जल परिवहन का अभाव (Landlocked Country) है उस देश को विश्व व्यापार करने में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है।
- जापान, ब्रिटेन, सिंगापुर, दुबई देशों के विकास नौ परिवहन का महत्वपूर्ण योगदान है।
8. जल विद्युत के उत्पादन में जल का उपयोग-
- निरन्तर बहने वाली नदियों से जल विद्युत उत्पादन कर भी जल का सदुपयोग किया जा सकता है।
- यह विद्युत ऊर्जा सबसे सस्ती होती है।
- मानव ने 20 वीं सदी में ही समझा कि जल का इस प्रकार भी उपयोग किया जा सकता है।
- पहले जल विद्युत उत्पादन करना थोड़ा कठिन कार्य था क्योंकि इसके लिए जल का ऊंचाई से तीव्र गति से प्रवाह होना आवश्यक था।
- परंतु अब बांध बनाकर यह कार्य आसानी से हो सकता है।
9. परमाणु ईंधन को शांत करने में जल का उपयोग-
- परमाणु ऊर्जा के लिए जल का विशेष महत्व है।
- अनुमानतः 10 लाख किलोवाट क्षमता के विद्युत गृह बनाने के लिए रोजाना 250 ग्राम यूरेनियम-235 की जरूरत होती है।
- परमाणु कचरे के खतरनाक विकिरण को शांत करने के बक्सों में भरकर समुद्र की गहराई में फेंक दिया जाता है।
10. सार्वजनिक निर्माण कार्यों में जल का उपयोग-
- सार्वजनिक निर्माण कार्यों में भी जल का विशेष महत्व है।
- अस्पतालों, स्कूलों, रेलवे, अग्निशामक, बस स्टैंड, तथा हवाई अड्डे के निर्माण आदि में बड़ी मात्रा में जल को आवश्यकता होती है।