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उत्तर भारत (हिमालय) की नदियां | River of North India (Himalayas)

उत्तर भारत में बहने वाली विशेष रूप से वह नदियां जो हिमालय पर्वत श्रृंखला से निकलती है उनका विस्तृत वर्णन किया गया है।
उत्तर भारत की नदियां

भूमिका:

  • उत्तर भारत में बहुत सी नदियां बहती है।
  • इन नदियों का उद्गम स्थल ज्यादातर हिमालय पर्वत श्रृंखला है।
  • ये नदियां हिमालय के ग्लेशियर से निकलती है।
  • इन नदियों में प्रमुख सिंधु और उसकी सहायक नदियां है, गंगा यमुना, ब्रम्हपुत्र और इनकी सहायक नदियां मिलकर ही उत्तर भारत की नदी अपवाह तंत्र बनती है।
  • सिंधु और गंगा नदी के मध्य लगभग 277 मीटर ऊंचा जल विभाजक रेखा है।

(अ) सिंधु अपवाह तंत्र की नदियां:

सिंधु नदी तंत्र में हिमालय के पश्चिमी भाग से निकलने वाली नदियां आती है, इनमे सिंधु, झेलम, चिनाब, रावी, व्यास, सतलज है। ये सभी नदियां अरब सागर में जाकर मिल जाती है।

1. सिंधु नदी-

  • सिंधु नदी तिब्बत के मानसरोवर झील के पास कैलाश श्रेणी लगभग 5180 मीटर की ऊंचाई से सिंग्गी खाबाब झरने से निकलती है।
  • सिंधु नदी भारत में लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश के दमचोक नाम के स्थान से प्रवेश करती है।
  • सिंधु नदी की कुल लंबाई 2880 किलोमीटर है, और अपवाह क्षेत्र 9.6 लाख वर्ग किलो मीटर है।
  • भारत में यह नदी 1134 किलोमीटर की लंबाई में बहती है, अपवाह क्षेत्र लगभग 1 लाख 17 हजार वर्ग किलोमीटर है।
  • सिंधु नदी लद्दाख के गिलगित की पहाड़ी को पर कर पाकिस्तान में प्रवेश करती है।
  • पाकिस्तान नदी की लंबाई लगभग 1610 किलोमीटर है।

2. झेलम नदी-

  • यह नदी सिंधु अपवाह तंत्र की प्रमुख नदी है।
  • इसका प्राचीन नाम "वितस्ता नदी" है।
  • झेलम नदी कश्मीर की शेषनाग झील से निकलती है।
  • यह यहां से लगभग 115 किलोमीटर आगे बढ़ती हुई वुलर झील में मिल जाती है।
  • इस नदी की कुल लंबाई लगभग 400 किलोमीटर है, अपवाह क्षेत्र लगभग 28 हजार 490 वर्ग किलोमीटर है।
  • झेलम नदी महान हिमालय और पीरपांजल नदी की बीच बहती है, और बारामुला के कुछ दूर में तेज ढाल वाली 2130 मीटर की गहरी घाटी का निर्माण करती है।
  • झेलम नदी त्रिमु के पास चिनाब नदी में मिल जाती है।
सिंधु नदी तंत्र
सिंधु नदी तंत्र

3. चिनाब नदी-

  • चिनाब नदी नदी भी सिंधु अपवाह तंत्र की प्रमुख नदी है।
  • चिनाब नदी का उद्गम लाहुल नामक स्थान के बारालाचा दर्रे से लगभग 4900 मीटर की ऊंचाई से दो नदियों चंद्रा और भागा नाम से निकलती है।
  • इसे संयुक्त रूप से चंद्रभागा नदी भी कहते है।
  • इन नदियों का मिलन टांडी में होता है।
  • इस नदी की लंबाई भारत 1180 किलोमीटर है, अपवाह क्षेत्र लगभग 26 हजार 755 वर्ग किलोमीटर है।

4. व्यास नदी-

  • व्यास नदी का उद्गम स्थान रावी नदी के पास ही व्यास कुंड में है।
  • यह नदी कोटी और लार्जी दर्रे में प्रवाहित होते हुए धौलाधार श्रेणी को काटकर हिमाचल प्रदेश के कुल्लू, मंडी, कांगड़ा, जिलों में बहते हुए कपूरथला के पास सतलज में मिल जाती है।
  • नदी की कुल लंबाई 470 किलोमीटर है, अपवाह क्षेत्र लगभग 25 हजार 900 वर्ग किलोमीटर है।

5. रावी नदी-

  • रावी नदी का उद्गम धौलाधार श्रेणी के उत्तरी भाग से होता है।
  • बसोली के पास ये मैदान में प्रवेश करती है।
  • इस नदी कुल लंबाई 725 किलोमीटर है, अपवाह क्षेत्र 5 हजार 957 वर्ग किलोमीटर है।

6. सतलज नदी-

  • इस नदी का उद्गम स्थल कैलाश पर्वत श्रेणी के दक्षिणी ढाल के मानसरोवर झील के पास "राकसताल" है।
  • सतलज नदी जास्कर श्रेणी को शिपकी स्थान पर काटकर भारत में प्रवेश करती है।
  • सतलज नदी में हिमाचल प्रदेश में खाब स्थान पर सिप्ती नदी मिलती है।
  • रोपड़ के पास जहां शिवालिक को पार करती है।
  • यहां भाखला नांगल बांध बनाया गया है।
  • कपूरथला के पास इसमें व्यास नदी आकार मिलती है।
  • सतलज नदी पठानकोट के पास सिंधु नदी में मिल जाती है।
  • सतलज नदी की कुल लंबाई 1450 किलोमीटर है।
  • भारत सतलज नदी की लंबाई लगभग 1050 किलोमीटर है, अपवाह क्षेत्र 24,087 वर्ग किलोमीटर है।
नदियां उद्गम स्थल भारत में लंबाई(किमी) अपवाह क्षेत्र(वर्ग किमी)
सिंधु नदी मानसरोवर झील के पास 1134 1,17,844
झेलम नदी शेषनाग झील 400 28,490
चिनाब नदी लाहुल 1180 26,755
व्यास नदी कुल्लू 470 25,900
रावी नदी कुल्लू 725 5,957
सतलज नदी राकसताल 1050 24,087

(ब) गंगा अपवाह तंत्र की नदियां-

  • गंगा अपवाह तंत्र का निर्माण हिमालय से निकलने वाली नदी तथा प्रायद्वीपीय भारत की उच्च भूमि में बहने वाली नदियों से मिलकर होता है।
  • हिमालय से निकलने वाली नदियों में गंगा, यमुना, रामगंगा, काली, करनाली, गंडक, घाघरा, कोसी आदि नदियां है।
  • वहीं प्रायद्वीपीय भारत की उच्च भूमि में बहने वाली नदियों में चंबल, बेतवा, टोंस, केन, सोन आदि है।

1. गंगा नदी-

  • गंगा नदी, भारतीय महासागरीय द्वीपसमूह में स्थित एक महत्वपूर्ण नदी है।
  • यह नदी भारतीय सबके लिए धार्मिकता, सांस्कृतिक महत्व और पानी की आपूर्ति के लिए महत्वपूर्ण है।
  • गंगा नदी को भारत में "गंगा माता" या "गंगा जी" के रूप में पूजा जाता है और इसे भारतीय धर्म के लिए पवित्र माना जाता है।
  • गंगा नदी का उद्गम स्थल उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले गंगोत्री हिमनद के समीप गोमुख में है।
  • इसकी लंबाई 2,525 किलोमीटर है, अपवाह क्षेत्र 9.51 लाख वर्ग किलोमीटर है।
  • उत्तर भारत विशेषकर उत्तर प्रदेश, बिहार, प. बंगाल जहां यह नदी बहती है यह क्षेत्र अत्यंत उपजाऊ भूमि है, जो कृषि कार्य के लिए उपयुक्त है।
  • यह नदी विश्व का सबसे बड़ा डेल्टा सुंदरवन का निर्माण करती है जो हुगली और मेघना नदियों के मध्य होता है।
  • गंगा नदी भारतीय सभ्यता के इतिहास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती आई है।
  • इसके आसपास कई प्राचीन और महत्वपूर्ण नगरी बसी हैं, जिनमें प्रयागराज, वाराणसी, हरिद्वार, ऋशिकेश और पटना शामिल हैं।

2. यमुना नदी-

  • यमुना नदी, गंगा नदी की प्रमुख सहायक नदी है।
  • यमुना नदी का उद्गम स्थल यमुनोत्री नामक स्थान पर है, जो उत्तराखंड राज्य में स्थित है। इसकी कुल लम्बाई लगभग 1,384 किलोमीटर है, अपवाह क्षेत्र 3.59 लाख वर्ग किलोमीटर है।
  • यमुना नदी की महत्वपूर्ण नगरी में दिल्ली, आगरा, मथुरा, वृंदावन, और अलीगढ़ शामिल हैं।
  • यमुना नदी निम्न हिमालय श्रेणी को काट कर बहुत तेजी से आगे बहती हुई प्रयागराज स्थान में गंगा नदी में मिल जाती है।
  • इस नदी प्रमुख सहायक नदी चंबल, कालीसिंध है जो इटावा के पास यमुना में मिलती है, इसके अतिरिक्त हमीपुर के समीप बेतवा नदी इसमें मिलती है, प्रयागराज के पास केन नदी भी यमुना में मिलती है।
गंगा अपवाह तंत्र
गंगा अपवाह तंत्र

3. रामगंगा नदी-

  • यह नदी मध्य हिमालय के दक्षिणी क्षेत्र में नैनीताल के पास से निकलती है।
  • नदी अपने शुरुआती 144 किलोमीटर की यात्रा तीव्र गति से करती है।
  • कालागाढ़ के पास यह मैदान में प्रवेश करती है और इसकी गति थोड़ी कम हो जाती है।
  • इस नदी की कुल लंबाई 600 किलोमीटर है, अपवाह क्षेत्र 32 हजार 800 वर्ग किलोमीटर है।
  • इस नदी का गंगा में मिलन कन्नौज के पास होता है।
  • खोह, गंगन, अरिल, गर्रा इसकी सहायक नदियां है।

4. गोमती नदी-

  • गोमती नदी का उद्गम स्थल उत्तर प्रदेश के पीलीभीत से लगभग 3 किलोमीटर पूर्व में 200 मीटर की ऊंचाई से होता है।
  • इस नदी की कुल लंबाई 940 किलोमीटर है, अपवाह क्षेत्र लगभग 30 हजार 437 वर्ग किलोमीटर है।
  • गाजीपुर के पास यह गंगा में मिल जाती है।
  • लखनऊ इस नदी के तट पर बसा प्रमुख एवं ऐतिहासिक नगर है।

5. घाघरा-

  • घाघरा नदी का उद्गम स्थल भी मानसरोवर झील के पास है।
  • नदी की कुल लंबाई 1,180 किलोमीटर है, अपवाह क्षेत्र लगभग 1 लाख 27 हजार वर्ग किलोमीटर है।
  • विशेष बात यह है कि इस नदी का प्रवाह 55% नेपाल में तथा 45% भारत में होता है।
  • यह नदी बिहार के छपरा पास गंगा में मिलती है।
  • इसकी सहायक नदियों में शारदा, चौका, सरयू, राप्ती, छोटी गंडक प्रमुख है।

6. गंडक नदी-

  • यह नदी तिब्बत से लगभग 7,620 मीटर की ऊंचाई से निकलती है।
  • इस नदी की कुल लंबाई 425 किलोमीटर है, अपवाह क्षेत्र 45 हजार 800 वर्ग किलोमीटर है इसमें से भारत में 9 हजार 540 वर्ग किलोमीटर है।
  • नेपाल में इस नदी को नारायणी और सालीग्रामी कहते है।
  • गंडक नदी पटना के समीप गंगा में मिल जाती है।

7. कोसी नदी-

  • कोसी नदी या कोशी नदी नेपाल में हिमालय से निकलती है, और भीम नगर के रास्ते बिहार में प्रवेश करती है।
  • इस नदी की लंबाई लगभग 729 किलोमीटर है, अपवाह क्षेत्र लगभग 86 हजार 900 वर्ग किलोमीटर है।
  • इस नदी को बिहार क शोक कहा जाता है क्योंकि यह नदी बार बार अपना मार्ग बदती रहती है और बिहार में प्रतिवर्ष भयंकर बाढ़ लाती रहती है।
  • कुर्सिला के समीप यह गंगा में मिल जाती है।

8. चंबल नदी-

  • इस नदी का उद्गम स्थल मध्य प्रदेश के मऊ के पास जनार्दन की पहाड़ी से है।
  • पूर्व की ओर बहती हुई इटावा के के पास यमुना में मिल जाती है।
  • चंबल नदी लंबाई 965 किलोमीटर है।
  • इस नदी की प्रमुख सहायक नदी कालीसिंधु, सिप्ता, पार्वती, बनास है।
  • यह नदी कोटा संभाग के भैंसरोड़गढ़ के पास 18 मीटर ऊंचा चुलिया जल प्रपात बनाती है।
  • चंबल नदी में अपरदन के कारण गहरे खड्डे बन गए है जो एक समय डाकुओं के शरण स्थल रहे है।

9. बेतवा नदी-

  • बेतवा नदी मध्य प्रदेश के भोपाल से दक्षिण पश्चिम से निकलकर उत्तर पूर्व दिशा में बहती है।
  • इस नदी की कुल लंबाई 480 किलोमीटर है।
  • यह नदी हमीरपुर के निकट यमुना में मिल जाती है।
  • सांची, विदिशा, आदि ऐतिहासिक दृष्टि से महत्व रखने वाले नगर इसके किनारे स्थित है।

10. केन या कर्णावती नदी-

  • केन नदी भारत के मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश राज्यों के बुंदेलखण्ड क्षेत्र में बहने वाली एक नदी है।
  • इस नदी लंबाई 427 किलोमीटर है।
  • यह यमुना नदी की एक सहायक नदी है, जो स्वयं गंगा नदी की सहायक नदी है।
  • केन नदी का उद्गम मध्य प्रदेश के कटनी ज़िले में विंध्याचल की कैमूर पर्वतमाला में होता है, फिर पन्ना में इससे कई धारायें आ जुड़ती हैं और अंत में इसका यमुना से संगम उत्तर प्रदेश के बांदा ज़िले में होता है।

11. सोन या स्वर्ण नदी-

  • सोन नदी का उद्गम स्थल मध्य प्रदेश के अमरकंटक की पहाड़ी से होता है।
  • सोन नदी की लंबाई 780 किलोमीटर है।
  • यह नदी विंध्य पर्वत श्रेणी को पार करते समय कई जलप्रपात का निर्माण करती है।
  • इस नदी प्रमुख सहायक नदियों में बनास, गोपाद, रिहंद, कुंहड़ आदि है।
  • वर्षा ऋतु में या यह कह सकते है कि मानसून के काल खंड में यह नदी भयानक रूप धारण कर लेती है।
  • इस नदी गंगा में मिलन दीनापुर से लगभग 16 किलोमीटर ऊपर की ओर होता है।

12. टोंस नदी-

  • टोंस नदी तमसा नाम से भी जाना जाता है।
  • इस नदी का उद्गम कैमूर पहाड़ी में मैहर के पास तमसा कुंड से होता है।
  • इस नदी की लंबाई 265 किलोमीटर है।
  • यह नदी कई जलप्रपात का निर्माण करती है, इनमे से बिहार का प्रपात सबसे प्रसिद्ध है जिसकी ऊंचाई 110 मीटर है।

उत्तर भारत की नदी अपवाह तंत्र में ब्रम्हपुत्र नदी को भी रखा जाता है। लेकिन यह नदी भारत के उत्तर पूर्वी भाग अर्थात् पूर्वोत्तर भारत में बहती है, इसलिए इस नदी का विस्तृत वर्णन अगले ब्लॉग पोस्ट में पब्लिश किया जाएगा।

About the Author

Namaste! I'm sudhanshu. I have done post graduation in Geography. I love blogging on the subject of geography.

3 comments

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  2. Bahut badiya संग्रह है
    1. Thankyou
Questions and suggestions are always welcome. Please be civil and respectful while comments and replying. Read terms and conditions and privacy policy.
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