सामान्य परिचय:
- ट्रिवार्था एक अमेरिकी भूगोलवेत्ता थे।
- उन्होंने भूगोल को सही ढंग से समझाने के लिए कई सिद्धांतों का प्रतिपादन किया, साथ ही कई किताबें भी लिखीं।
- इसी श्रृंखला में ट्रिवार्था ने विश्व जलवायु को समझने के लिए अपनी पुस्तक 'An Introduction to Climate' प्रकाशित किया।
- इसी किताब में उन्होंने भारत की जलवायु के संबंध में भी प्रकाश डाला।
- इस वर्गीकरण को कोपेन के भारत के जलवायु वर्गीकरण का संशोधित रूप माना गया।
- उन्होंने भारत को चार जलवायु प्रदेशों में विभाजित किया जो इस प्रकार है- A, B, C, H.
1. A- उष्ण कटिबंधीय वर्षा वाली जलवायु-
- ऐसे जलवायु प्रदेश जहां का तापमान 18°C से कम न हो वहां इस प्रकार की जलवायु दशा देखी जाती है।
- इसे दो उपविभागोंं में बांटा गया है-
- १. AM-
- यहां ऐसे क्षेत्र आते है जहां औसतन तापमान 27°C (वार्षिक) से अधिक एवं औसत वार्षिक वर्षा 250 सेंटीमीटर या इससे अधिक हो।
- भारत के पश्चिम तटीय क्षेत्रों, दक्षिणी असम, पश्चिम बंगाल तथा त्रिपुरा में इस तरह की जलवायु पायी जाती है।
- २. AW-
- यहां औसत वार्षिक 100 सेंटीमीटर और औसत वार्षिक तापमान लगभग 27°C के आसपास रहता है।
- बारिश प्रमुख रूप से ग्रीष्म ऋतु में होती है।
- इस प्रकार की जलवायु मुख्य रूप से प्रायद्वीपीय भारत में पायी जाती है।
2. B- उष्ण शुष्क जलवायु-
- इस प्रकार के जलवायु प्रदेशों में वर्ष बहुत कम होती है लेकिन अधिक गर्मी के कारण वाष्पीकरण अधिक होता है।
- इसके तीन उपविभाग है-
- १. Bsh-
- यह ऐसे जलवायु प्रदेश होते है जहां औसत वार्षिक वर्षा 50 से 100 सेंटीमीटर तक होती है और औसत वार्षिक तापमान लगभग 27°C तक रहती है।
- भारत के राजस्थान और गुजरात में इस प्रकार की जलवायु पायी जाती है।
- २. Bwh-
- यह उष्ण तथा अर्द्ध उष्ण मरुस्थलीय प्रकार की जलवायु है।
- इस प्रकार की जलवायु में वर्षा काफी कम होती है लेकिन वाष्पीकरण बहुत अधिक होता है।
- यहां तापमान 40°C से भी अधिक पहुंच जाता है और वर्षा 50 सेंटीमीटर से भी कम होती है।
- भारत के थार मरुस्थल में इस प्रकार की जलवायु मिलती है।
- ३. Bs-
- यह उष्ण तथा अर्द्ध उष्ण कटिबंधीय सवाना तुल्य जलवायु का भाग है।
- इसमें औसत वार्षिक तापमान 27°C तक तथा औसत वार्षिक वर्षा लगभग 100 सेंटीमीटर तक होती है।
- भारत के प्रायद्वीपीय पश्चिम तटीय भाग में जहां वृष्टि छाया प्रदेश है यहां इस प्रकार की जलवायु देखने को मिलती है।
जलवायु वर्गीकरण ट्रिवार्था |
3. C- अर्द्ध उष्ण कटिबंधीय जलवायु-
- इस प्रकार की जलवायु में हवाएं शुष्क और मौसम ठंडा होता है।
- इसके एक उपवुभाग है-
- १. Caw-
- यहां औसत वार्षिक तापमान 18°C से कम रहता है।
- इस प्रकार के जलवायु प्रदेशों में केवल ग्रीष्म ऋतु में ही वर्षा होती है।
- लेकिन शीत ऋतु जो वर्षा होती है वह पश्चिमी भाग में शीतोष्ण कटिबंधीय चक्रवाती हवाओं से होती है।
- यह जलवायु भारत के गंगा यमुना के मैदान में पायी जाती है।
4. H- पर्वतीय जलवायु-
- यह जलवायु भारत में हिलालय पर्वतीय क्षेत्रों के मिलती है।
- यहां शीत ऋतु में हिमपात अर्थात् बर्फबारी होती है और ग्रीष्मकाल में मानसूनी हवाओं से बारिश होती है।
इस वर्गीकरण की सबसे बड़ी कमी यह है कि ट्रिवार्था ने भी कोपेन के समान भिन्न जलवायु विशेष प्रदेशों को एक ही जलवायु प्रदेशों में सम्मिलित कर दिया है। इस प्रकार यह वर्गीकरण भी भारत के जलवायु प्रदेशों को ठीक तरह से समझाने में असमर्थ है। लेकिन प्रारंभिक ज्ञान के लिए यह वर्गीकरण काफी महत्वपूर्ण है।